भजन -10
मेहरा वालया
साइयाँ रखी चरना दे कोल,
रखी चरना दे कोल रखी चरना दे कोल,
मेहरा वालया साइयाँ .......
1. मेरी फ़रयाद तेरे दर अगे, होर सुनावा किंनु,
खोल न दफ्तर ऐबा वाले दर तो धक् न
मैंनू,
दर तो धक न मैनू रखी चरना दे कोल, मेहरा.........
2. तेरे जेहा मैनू होर न कोई, मेरे जेहे लख तैनू,
जे मेरे विच ऐब न हुँदै तू
बखशेंदा कैनू,
तू बखशेंदा कैनू रखी चरना दे कोल, मेहरा.........
3. जे ओगन वेखे साहिबा ता कोई नही मेरी थाओ,
जे ते रोम शरीर दे उसतो वी वध गुनाहों,
उसतो वी वध गुनाहों रखी चरना दे
कोल, मेहरा.........
4. वेख न लेख मथे दे मेरे करमा ते न जावी,
रखी लाज बिरद दी सतगुरु अपनी
भगती लावी,
अपनी भगती लावी रखी चरना दे कोल, मेहरा.........
5. औखे वेले को
नही, न बाप, ना वीर ना माओ,
सबे धक्का देवंदे मेरी कोई न
पकड़े बाहों,
मेरी कोई न पकड़े बाहों रखी चरना
दे कोल, मेहरा.........
6. ऐहो मेरी अर्ज गुरु जी ऐदा समय
वी आवे
सिर तेरे चरना विच होवे, जिन्दगी सदके जावे
जिन्दगी सदके जावे रखी चरना दे कोल मेहरा......
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