Thursday, December 17, 2020

1. उठ जाग मुसाफिर भोर भई

 

भजन -1

 

उठ जाग मुसाफिर भोर भई अब रैन कहां जो सोवत है

जो सोवत है सो खोवत है जो जागत है सो पावत है

 

1. उठ नींद से अखियाँ खोल जरा

और अपने प्रभु का ध्यान लगा

     यह प्रीत करन की रीत नहीं प्रभु जागत है तू सोवत है

उठ जाग.................

 

2. जो कल करना सो आज कर ले

जो आज करना सो अब कर ले

जब चिड़ियाँ ने चुग खेत लिया फिर पछताये क्या होवत है

उठ जाग.................

 

3. नादान भुगत करनी अपनी, जो पाप ही पाप है तूने किया

जब पाप की गठड़ी शीश धरी, फिर शीश पकड़ क्यूँ रोवत है

उठ जाग.................

 

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2. नहीं चाहिए दिल दुखाना

 

भजन -2

 

नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी का

सदा न रहा है सदा न रहेगा ज़माना किसी का

 

1. आयेगा बुलावा तो जाना पड़ेगा

सिर तुझको आखिर झुकाना पड़ेगा

वहां न चलेगा बहाना किसी का नहीं चाहिए...........

 

2. शौहरत तुम्हारी बह जाएगी ये

दौलत यही पर रह जाएगी ये

नहीं साथ जाता खजाना किसी का नहीं चाहिए.............

 

3. पहले तो खुद अपने आप को संभालो

हक़ नहीं तुमको बुराई औरों में निकालो

बुरा है बुरा जग में, बताना किसी का नहीं चाहिए......

 

4. दुनियां का गुलशन सदा ही रहेगा

ये तो जहां में लगा ही रहेगा

आना किसी का जग में, जाना किसी का नहीं चाहिए...........

 

 

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3. छोड़ कर संसार जब तू जाएगा

 

भजन -3

 

छोड़ कर संसार जब तू जाएगा, कोई ना साथी तेरा साथ निभाएँगा।

1. गर प्रभु का भजन किया ना, सत्संग किया ना दो घड़ियाँ,
   यमदूत लगा कर तुझको ले जाएगा हथकड़ियाँ
   कौन छुड़ाएगा, कोई ना साथी तेरा साथ निभाएँगा...........

2. इस पेट भरण की खातिर तू पाप कमाता निशदिन,
  शमशान में लकड़ी रख कर तेरे आग लगेगी इकदिन
  ख़ाक हो जाएगा, कोई ना साथी तेरा साथ निभाएँगा...........

3. सत्संग की गंगा है यह, तू इस में लगाले गोता,
   वरना संसार से इकदिन जाएगा तू भी रोता
   फिर पछतायेगा, कोई ना साथी तेरा साथ निभाएँगा...........

4. क्यूँ करता तेरा मेरा, यह दुनियां रैन बसेरा,
  यहाँ कोई ना रहने पाता, है चंद दिनों का है डेरा।
  हंस उड़ जाएगा, कोई ना साथी तेरा साथ निभाएँगा............

5. आ सतगुरु शरण में प्यारे, तू प्रीत लगाले बन्दे,
  कट जायेंगे यह तेरे जन्म -2 के फंदे
  पार हो जाएगा, कोई ना साथी तेरा साथ निभाएँगा...........

 

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4. तीन बार भोजन भजन इक

 

भजन -4

 

तीन बार भोजन भजन इक बार -2

उसमें भी आते है विघ्न हज़ार -2

 

1. मन करता है मैं गंगा नहाऊँ, गंगा नहाऊँ मैं जमुना नहाऊँ -2

    गंगा जाते जाते मुझको आ गया बुखार, उसमें भी......... 

 

2. मन करता है मैं दर्शन को जाऊँ, दर्शन को जाऊँ मैं माला जप आऊँ -2

    माला जपते जपते देखो आ गए रिश्तेदार, उसमें भी........

 

3. मन करता है मैं दान कर आऊँ, दान कर आऊँ मैं धर्म कर आऊँ -2

    बड़ा है परिवार देता ना कोई उधार, उसमें भी.......

 

4. मन करता है मैं कथा सुन आऊँ, कथा सुन आऊँ मैं गीता पढ़ आऊँ -गीता पढ़ते-2 नींद आ गई कई बार, उसमें भी......

 

 

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5. इक झोली में फूल भरे है

 

भजन -5

 

इक झोली में  फूल भरे है, इक झोली में कांटे
कोई कारण होगा, अरे कोई कारण होगा
तेरे बस में कुछ भी नहीं, ये तो बाँटने वाला बांटे रे

 

1. पहले बनती है तकदीरें, फिर बनते है शरीर

ये साई की कारीगरी है, तू है क्यों गंभीर कोई कारण............

2. नाग भी डसले तो मिल जाये किसी को जीवन दान
चींटी से भी मिट सकता है ,किसी का नाम-ओ-निशान कोई कारण......

3. धन का बिस्तर मिल जाये पर नींद को तरसे नैन
कांटो पर सोकर भी आये किसी के मन को चैन कोई कारण............

 

4. सागर से भी बूझ ना पाए, कभी किसी की प्यास
कभी एक ही बूंद से हो जाती हैं पूरी आस कोई कारण............


5. मंदिर-मस्जिद मैं जाकर भी कभी ना आये ज्ञान
   कभी मिले मिट्टी से मोंती पत्थर से भगवान कोई कारण............

 

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6. जर्रे जर्रे में है झाकी भगवान

 

भजन -6

 

जर्रे जर्रे में है झाकी भगवान की

किसी सूझ वाली आँख ने पहचान की

 

1.  नामदेव ने पकाई रोटी कुत्ते ने उठाई, पीछे घी का कटोरा लिए जा रहे

बोले रुखी तो ना खाओ, स्वामी घी तो लगाओ

तेरा मेरा एक नूर फिर काहे को हुजूर तूने शक्ल बनाई है सुआन

मुझे ओड़नी उड़ा दी इंसान की जर्रे जर्रे में है...........

 

2. निगाह मीरा की निराली, पी के जहर की प्याली, ऐसा गिरधर बसाया हर स्वाँस में

जब आया काला नाग, बोली धन मेरे भाग, आज आये प्रभु साँप के लिबास में

आओ आओ बलिहार, प्यारे कृष्ण मुरार, बड़ी किरपा है किरपा निधान की

बलिहारी हूँ मैं आपके एहसान की जर्रे जर्रे में.......

 

3. इसी तरह सूरदास, निगाह जिनकी थी ख़ास, ऐसा नैनो में नशा था हरी नाम का

नैन हुए जब बंद तब मिला आनंद, देखा अजब नजारां भगवान का

हर जगह वो समाया, सारे जग को बताया, आई आँखो में रोशनी थी ज्ञान की

     देखी झूम- झूम झाकी भगवान की जर्रे जर्रे........

 

4. गुरु नानक कबीर, सही जिनकी थी नजीर, देखा पत्ते -2 में निरंकार को

नजदीक और दूर वो ही हाजिर हुजुर, ये ही सार समझाया संसार को

ये जहान शहर गाँव और जंगल भी आबान, मेहरबानियाँ है उस मेहरबान की

सारी चीजे है ये एक ही दुकान की जर्रे जर्रे.........

 

 

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7. तारा है सारा जमाना

 

भजन -7

 

तारा है सारा जमाना श्याम हमको भी तारों

 

1. हमने सुना है श्याम भीलनी को तारा

   बेरों का करके बहाना श्याम हमकों भी तारो...........

 

2. हमने सुना है श्याम मीरा को तारा

   वीणा का करके बहाना श्याम हमको भी तारो...........

 

3. हमने सुना है श्याम द्रुपद को तारा

   साड़ी का करके बहाना श्याम हमको भी तारो...........

 

4. हमने सुना है श्याम कुब्जा को तारा

   चन्दन का करके बहाना श्याम हमको भी तारो...........

 

5. हमने सुना है श्याम, प्रहलाद को तारा

   खम्ब का करके बहाना श्याम हमको भी तारो...........

 

6. हमने सुना है श्याम केवट को तारा

   नौका का करके बहाना श्याम हमको भी तारो...........

 

 

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8. लोकी पुछदे ने हाल की

 

भजन -8

लोकी पुछदे ने हाल की बना लिया,
हारा वाले ने कमला बना लिया,

1. श्यामा एक वारी घर मेरे आई वे,
   इस कमली दा हाल वेख जाई वे,
   मैं ता दिल विच श्याम नु वसा लिया, हारा वाले.............

2. मेरा दिल विच आग पी वलदी,
   किवे खोल के सुनावां श्यामा दिल दी,
   मैं ता अपना आप गवां लिया, हारा वाले.............

3. मैं ता प्रेम दा प्याला श्यामा पीता,
   दिल तेरे हवाले किता,

   मैं ता नैना विच श्याम नु वसा लिया हारा वाले.............


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9. भोले को कैसे मैं मनाऊँ

 

भजन -9

 

भोले को कैसे मैं मनाऊँ रे मेरा भोला ना माने

 

1. भोले को भाये न फूलों की माला

   सांप कहाँ से लाऊँ रे

 

2. भोले को भाये न ढोलक मजीरा

    डमरू कहाँ से लाऊँ रे

 

3. भोले को भाये न लड्डू न पेड़े

    भांग कहाँ से लाऊँ रे

 

4. भोले को भाए न हाथी न घोड़े

    बैल कहाँ से लाऊँ रे

 

 

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10. छम- छम नाचे देखो

 

भजन -10

 

छम- छम नाचे देखो वीर हनुमाना

कहते है लोग इसे राम का दीवाना छम नाचे

सिया राम सिया राम सिया राम

 

 

1. पांवो में घुंघरू बाँध के नाचे

राम जी का नाम इनको प्यारा लागे

राम जी के चरणों में इनका ठिकाना

 

2. जहां -2 कीर्तन होता मेरे राम का

लगता है पहरा वही वीर हनुमान का

राम जी के चरणों में इनका ठिकाना छम

 

3. नाच -2 देखो श्री राम -2 गाये

हनुमान मस्ती में नाचता ही जाये

भक्तों में भक्त बड़ा दुनियां ने माना छम -2................

 

 

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11. हारां वाला साडा साई वे

 

भजन -11

 

हारां वाला साडा साई वे, असां ला लईयाँ यारियाँ

ला लईयाँ यारियाँ, ला लईयाँ यारियाँ -2

 

1. रोज़ सवेरे जमुना ते जावाँ -2

    आके तू गागर चुकवाइवे, असां ला लइयाँ यारियाँ

 

2. तेरी मेरी प्रीत पुरानी -2

  प्रीत की रीत निभाई वे, असां ला लइयाँ यारियाँ

 

3. तेरे जया कोई होर ना सोना -2

    इक वारी साडे घर आइवे, असां लालईयाँ यारियाँ

 

4. डग-मग डग मग नैया डोले -2

     बीच भवंर में खाए हिचकोले -2

    आके तू पार लगाईवे, असां ला लइयाँ यारियाँ

 

5. लौकी मैनूँ देवे ताने -2

     लगियाँ तोड़ निभाइवे -2, असां ला लइयाँ यारियाँ

 

 

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12. पता नहीं कैसे लग

 

भजन -12

 

पता नहीं कैसे लग जाती है खबर

श्याम चले आते है प्रेमियो के घर

 

1. प्रेमियों का घर श्याम छोड़ते नही,

प्रेमियो का दिल श्याम तोड़ते नही,

प्रेमियो को ढ़ूँढ़ती है इनकी नज़र श्याम चले .............

 

2. दुनिया में ऐसा नही यार दिलदार,

प्यार के बदले में देता है प्यार,

सांवरे पे होते देखा प्रेम का असर श्याम चले .............

 

3. ढ़ूंढ़ लिया खोज लिया सारा ही जहान,

प्रेमियो के घर मिले कदमो के निशान,

बनवारी भटकों ना इधर-उधर श्याम चले.....

 

 

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