Tuesday, December 15, 2020

1. भरी उनकी आँखों में है

                                                                         भजन -1

 

भरी उनकी आँखों में है, कितनी करुणा
जाकर सुदामा पुजारी से पूछो

है करामात क्या उनके चरणों की रज
जाकर के गौतम की नारी से पूछो

1. कृपा कितनी करते हैं शरणागतों पे -2
  बता सकते हैं यदि, बता सकते हैं यदि
  बता सकते हैं यदि, मिलेंगे विभीषण
  पतितों को पावन, वो कैसे बनाते
  जटायु सरिस, मनसा हारी से पूछो है करामात..........

2. प्रभु कैसे सुनते हैं, दुखियों की आहें
  तुम्हें ज्ञात हो राजा, बलि की कहानी
  निराधार का कौन, आधार है जग में
  ये प्रश्न द्रुपद दुलारी से पूछो है करामात..........
 
3. छ्मा शीलता उनमें, कितनी भरी है
  बताएँगे भृगुजी, वो सब जानते हैं
  हृदय उनका भावों का, है कितना भूंखा
  विदुर शबरी से, बारी बारी से पूछो है करामात..........
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2. सीता-राम, सीता-राम कहिये

 भजन-2

 

सीता-राम, सीता-राम, सीता-राम कहिये
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये

1.  मुख में हो राम नाम, राम सेवा हाथ में -2
नहीं तू अकेला प्यारे राम तेरे साथ में

विधि का विधान जान, हानि-लाभ सहिये जाहि विधि राखे..........

 

2.  किया अभिमान तो फिर मान नहीं पाएगा
होगा प्यारे वही जो श्री राम जी को भाएगा

   फल, आशा त्याग सुभ काम करते रहिये जाहि विधि राखे..........


3.  जीवन की डोर सौंप हाथ दीनानाथ के
महलों मे राखे चाहे झोंपड़ी में वास दे

    धन्यवाद निर्विवाद राम-राम कहिये जाहि विधि राखे..........


4.  आशा एक राम जी से दूजी आशा छोड़ दे
नाता एक राम जी से दूजा नाता तोड़ दे

    साधु संग राम रंग, अंग-अंग रंगिये जाहि विधि राखे..........


 

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3. मेरी झोपड़ी के भाग आज

 

भजन -3

मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे राम आएँगे

राम आएँगे आएँगे राम आएँगे

मेरी झोपडी के भाग आज खुल जाएंगे राम आएँगे।।

 

1.  राम झूलेंगे तो झुला मैं झुलाऊँगी
मीठे मीठे मैं भजन सुनाऊँगी

मेरी जिंदगी के सारे दुःख मिट जाएँगे राम आएँगे........

2.  राम आएँगे तो आंगना सजाऊँगी

दिप जलाके दिवाली मनाऊँगी
मेरे जन्मो के सारे पाप मिट जाएंगे राम आएँगे.......

3.  मैं तो रूचि रूचि भोग लगाऊँगी
माखन मिश्री मैं राम को खिलाऊंगी
गुरु किरपा से भाग मेरे जग जायेंगे राम आएँगे........

 

4.  मेरा जनम सफल हो जाएगा

    तन झूमेगा और मन गीत गाएगा
    राम सुन्दर मेरी किस्मत चमकाएंगे राम आएँगे.......

 

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4. आया तेरी शरण में यही

 

भजन-4

 

आया तेरी शरण में यही सोच कर

सिन्धु संसार से हम उबर जायेंगे

आपने अगर हमें नाथ ठुकरा दिया

आप ही सोचिए हम किधर जायेंगे

 

1.  आपका नाम मोती है लेकर उसे

     प्रेम के तार में खोजता रह गया

     आपने अपनी नजरे अगर फेर ली

     सारे मोती जमीं पर बिखर जायेंगे आया तेरी........

 

2.  देखता हूँ सदा आपको पास में

आप ही है बसे मेरी हर सांस में

आप ही तो मसीहा अनाथों के है

हमको ठुकराए तो किसके घर जायेंगे आया तेरी........

 

3.  गलतियाँ हम किये होंगे इंसान है

माफ़ करना प्रभु आपका काम है

हम है राही भटकते रहे उम्र भर

साथ दे दो तो शायद सुधर जायेंगे आया तेरी........

 

 

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5. पकड़ लो बाँह रघुराई

 

भजन -5

पकड़ लो बाँह रघुराई,
नहीं तो डूब जाएँगे 

 

1.    डगर ये अगम अनजानी, पथिक मै मूढ़ अज्ञानी
संभालोगे नही राघव, तो कांटे चुभ जाएँगे पकड़ लो.........

2.    नहीं बोहित मेरा नौका, नहीं तैराक मै पक्का
कृपा का सेतु बंधन हो, प्रभु हम खूब आएँगे पकड़ लो.........

3.    नहीं है बुधि विधा बल, माया में डूबी मती चंचल
निहारेंगे मेरे अवगुण तो, प्रभु जी ऊब जाएँगे पकड़ लो.........

4.    प्रतीक्षारत है ये आँगन, शरण ले लो सिया साजन
शिकारी चल जिधर प्रहलाद, जी भूल जाएँगे पकड़ लो.........

 

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6. संतन के संग लाग रे, तेरी

 

भजन -6

संतन के संग लाग रे, तेरी अच्छी बनेगी,
अच्छी बनेगी, तेरी बढ़िया बनेगी,
राम चरण अनुराग रे, तेरी अच्छी बनेगी

1. संतन के संग पुण्य कमाई -2
  होय बड़ो तेरो भाग रे तेरी अच्छी बनेगी.......

2. ध्रुव जी की बन गई, प्रहलाद जी की बन गई,
   राम भजन में लाग रे, तेरी अच्छी बनेगी.....

3. कौआ से तोहे हंस करेंगे, कागा से तोहे हंस करेंगे,
   मिट जाएंगे सब दाग़ रै, तेरी अच्छी बनेगी......

4. मोह निशा में कबसे सोया, मोह निशा में कबसे सोया,
   घर परिवार में, अब तक सोया, जाग सके तो जाग रे,
   तेरी अच्छी बनेगी.....

5. सुत बित लोक तृष्णा तीन्ही

   त्याग सके तो त्याग रे तेरी अच्छी बनेगी.........

1.    कहत कबीर राम सुमिरन में,

पाग सको तो अब पाग, तेरी अच्छी बनेगी........

 

 

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7. स्वर्ग कहते किसे, जानते

 

भजन-7

स्वर्ग कहते किसे, जानते हम नहीं
स्वर्ग का देवता, सामने आ गया।
बन के बालक सलौना, अवध भूप का,
मेरे नयनो में, अपबर्ग (अनुपम) सुख छा गया,
स्वर्ग कहते किसे, जानते हम नहीं

1. आज बिहसी दिशाए, कमल खिल गएँ,
  टिमटिमाते ये दिए, ये अभी जल गएँ,
  आज परियों ने, मंगल सजाए मुदित
  मन अनूठा नया, चन्द्रमा पा गया, स्वर्ग कहते किसे.......

2. कोकीलाओं ने घोला, सुरस कुञ्ज में,
   रागिनी छाई मंगल की, अली कुञ्ज में,
   भाग्य के उन छबीले, कलश में अहो,
   प्रेम का पुण्य, पियूष बरसा गया, स्वर्ग कहते किसे.......

3. जो निगम को अगम, शुद्ध मन को सुगम,
   देके सरगम मनोरम, विषम और सम,
   दास गिरधर के दृग, तूलिका पर वही,
   अपने सुन्दर मधुर चित्र लहरा गया, स्वर्ग कहते किसे.....

 

 

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8. हम राम जी के, राम जी

 

भजन-8

 

हम राम जी के, राम जी हमारे हैं,
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं।

1.  मेरे नयनों के तारे हैं,
सारे जग के रखवाले हैं,
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं.......

एक भरोसो, एक बल, एक आस, विश्वास।

स्वाति-सलिल रघुनाथ-जस, चातक तुलसीदास ||

 

2.  जो लाखो पापियों को तारे हैं,
जो अधमन को उद्धारे हैं,
हम उनकी शरण पधारे हैं,
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं.......

3.  शरणागत आर्त निवारे हैं,
हम इनके सदा सहारे हैं,
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं.......

4.  गणिका और गिद्ध उद्धारे हैं,
हम खड़े उन्ही के के द्वारे हैं,
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं.......

 

 

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