Tuesday, December 15, 2020

27. मुझे कौन पूछता था, तेरी

 

भजन-27

 

मुझे कौन पूछता था, तेरी बंदगी से पहले।।

मैं खुदको ढूंढता था, तेरी बंदगी से पहले।।

 

1.         मेरी जिंदगी थी ऐसी, जैसे खाली सीप होती

  मेरी बढ़ गयी है कीमत, तूने भर दिए है मोती

    मैं दर दर भटक रहा था, तेरी बंदगी से पहले.......

2.         मैं कुछ भी तो नहीं था, मेरी कुछ भी नहीं थी हस्ती

मैं यूँ भटक रहा था तूफ़ान में हो कस्ती

मैं बुझा हुआ दिया था तेरी बंदगी से पहले........

 

3.          तू तो प्रभु बड़ा है तेरी रहमते बड़ी है

  तुझे क्या -२ मैं बताऊँ जो दास पर पड़ी है

  लय गीत न गला था तेरी बंदगी से पहले.......

 

4.         एक तू जो मेहरबान है, सारा जग भी मेहरबा

  मुझ पर कौन मेहरबा था, तेरी बंदगी से पहले........

 

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