भजन-58
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक
दिन बदलना पड़ेगा
मौत जब
तुझको आवाज देगी,
घर से
बाहर निलना पड़ेगा ॥
1. मौत
का जब बजा सिर पर डंका
फूँक दी पल में सोने की लंका
कर गयी मौत रावण का बांका
वैसे तुझको भी जलना पड़ेगा जिंदगी एक किराये.........
2. रात
के बाद होगा सवेरा
देखना हो अगर दिन सुनहरा
पाँव फूलों पे रखने से पहले
तुझको काँटों पे चलना पड़ेगा जिंदगी एक किराये........
3. ये
जवानी है दो दिन का सपना,
ढूँढ ले राम तू जल्द अपना
ये जवानी अगर ढल गयी तो,
उमर भर हाथ मलना पड़ेगा जिंदगी एक किराये........
4. ये तसवुर ये जोशो-जवानी
चंद लम्हों की है कहानी
ऐ जिया शाम तक देख लेना
चढ़ते सूरज को ढालना पड़ेगा जिंदगी एक किराये........