Tuesday, December 15, 2020

28. दर पर तुम्हारे आया ठुकराओ या

 

भजन-28

 

दर पर तुम्हारे आया ठुकराओ या उठा लो

करुणा की सिंधु मैया अपनी बिरद बचा लो

 

1.    शबरी या मीरा जैसा पाया हृदय ना मैंने-2

     जो है दिया तुम्हारा लो अब इसे सम्भालो दर पर तुम्हारे आया....

 

2.    दिन रात अपना-अपना करके बहुत ठगाया-2

कोई हुआ ना अपना अब अपना मुझे बना लो दर पर तुम्हारे आया....

 

3.    दोषी हूँ मैं या सारा ये खेल तुम्हारा-2

    जो हूँ, समर्थ हो तुम, चाहे गजब जो ढालों दर पर तुम्हारे आया....

 

4.    बस याद अपनी देदो सब कुछ भले ही ले लो-2

    विषमय करील पर अब करुणा की दृष्टि डालो दर पर तुम्हारे आया....

 

 

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