भजन-22
मुझे तूने मालिक, बहुत कुछ दिया है,
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया हैं,
1.
ना मिलती अगर, दी हुई दात तेरी,
तो क्या थी जमाने में औकात मेरी,
ये बंदा तो तेरे, सहारे जिया है, तेरा शुक्रिया है..........
2.
तेरी बंदगी से, मै बंदा हूँ मालिक,
तेरे ही करम से, मै जिन्दा हूँ मालिक,
तुम्हीं ने तो जीने के, क़ाबिल किया है, तेरा शुक्रिया है..........
3.
मेरा ही नहीं तू, सभी का है दाता,
सभी को सभी कुछ, है देता दिलाता,
जो खाली था दामन, तूने भर दिया है, तेरा शुक्रिया है..........
4.
मेरा भूल जाना, तेरा ना भुलाना,
तेरी रहमतों का, कहाँ है ठिकाना,
तेरी इस मोहब्बत ने, पागल किया है, तेरा शुक्रिया है..........
5.
जो पहले दिया है, वही कम नहीं है,
उसी को उठाने, के क़ाबिल नहीं हूँ,
मैं आ तो गया हूँ, मगर जानता हूँ,
तेरे
दर पे आने के, क़ाबिल नहीं हूँ। तेरा शुक्रिया है..........
*****