Tuesday, December 15, 2020

29. मैं नहीं, मेरा नहीं, यह तन

 

भजन-29

 

मैं नहीं, मेरा नहीं, यह तन किसी का है दिया ।
जो भी अपने पास है, वह धन किसी का है दिया ॥

 

1.   देने वाले ने दिया, वह भी दिया किस शान से
मेरा है यह लेने वाला, कह उठा अभिमान से
मैं, मेरा यह कहने वाला, मन किसी का है दिया मैं नहीं...........

 

2.   जो मिला है वह हमेशा, पास रह सकता नहीं
कब बिछुड़ जाये यह कोई, राज कह सकता नहीं
जिन्दगानी का खिला, मधुवन किसी का है दिया मैं नहीं...........

 

3.   जग की सेवा खोज अपनी, प्रीति उनसे कीजिये
जिन्दगी का राज है, यह जानकर जी लीजिये
साधना की राह पर, यह साधन किसी का है दिया मैं नहीं...........

 

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