भजन-56
चली जा रही है उमर
धीरे धीरे,
पल पल यू आठौँ पहर धीरे धीरे,
चली जा रही हैं उमर धीरे धीरे,
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे,
मिल जाएगा वो सजन धीरे धीरे।
1. बचपन भी जाए जवानी भी जाए,
बुढ़ापे का होगा असर धीरे धीरे, मिल जाएगा...........
2. तेरे हाथ पावों में बल ना रहेगा,
झुकेगी तुम्हारी कमर धीरे धीरे, मिल जाएगा...........
3. शिथिल अंग होंगे एक
दिन तुम्हारे,
फिर मंद होगी नज़र धीरे धीरे, मिल जाएगा...........
4. बुराई से मन को
अपने हटाले,
सुधर जाए तेरा जीवन धीरे धीरे, मिल जाएगा...........
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