Tuesday, December 15, 2020

14. अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे

 

भजन-14

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,

तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

 

1.    पतितो को पावन करते कृपानिधि,

    किए पाप है इस सुयश के सहारे, अगर नाथ देखोंगे.............

 

2.    हमारे लिए क्यों देर किए हो,

    गणिका अजामिल को पल भर मे तारे अगर नाथ देखोंगे.............

 

3.    माना अगम है अपावन कुटिल है,

    सबकुछ है लेकिन है भगवन तुम्हारे अगर नाथ देखोंगे.............

 

4.    मन होगा निर्मल तुम्हारी कृपा से 

इसे शुद्ध करने मेर हम भक्त हारे अगर नाथ देखोंगे.............

 

 

*****