भजन-2
सीता-राम, सीता-राम, सीता-राम
कहिये
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये
1. मुख
में हो राम नाम, राम
सेवा हाथ में -2
नहीं तू अकेला प्यारे राम तेरे साथ में
विधि का
विधान जान, हानि-लाभ
सहिये जाहि विधि राखे..........
2. किया
अभिमान तो फिर मान नहीं पाएगा
होगा प्यारे वही जो श्री राम जी को भाएगा
फल, आशा त्याग सुभ काम करते रहिये जाहि विधि राखे..........
3. जीवन
की डोर सौंप हाथ दीनानाथ के
महलों मे राखे चाहे झोंपड़ी में वास दे
धन्यवाद निर्विवाद राम-राम कहिये जाहि विधि राखे..........
4. आशा
एक राम जी से दूजी आशा छोड़ दे
नाता एक राम जी से दूजा नाता तोड़ दे
साधु संग राम रंग, अंग-अंग रंगिये जाहि विधि राखे..........
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