Tuesday, December 15, 2020

63. मालिक है जो जहाँ का इसका

 

भजन-63

 

मालिक है जो जहाँ का इसका है खेल सारा

उसका हो गर सहारा मझधार हो किनारा

 

1.          मर्जी से जिसके चलते ये चाँद सूर्य तारे

  हिलता नहीं है पता पाए बिना ईशारा मालिक है............

 

2.          मर्जी में उसकी गर तू अपनी मिला दे मर्जी

  तुझको बनाएगे ये आँखों का अपने तारा मालिक है............

 

3.          मुख फेर क्यूँ खड़े हो आ सामने तो देखों

  है खड़े पसार बाहे, इन्तजार है तुम्हारा मालिक है............

 

4.          बस सामने आना है, कहने की नहीं जरुरत

  जो हाल दिल है तेरा वो जानते है सारा मालिक है............

 

5.          पर्दा नशी वे खुद है पर चाहते न पर्दा

  पर्दा अगर हटा लो, फिर देख लो नजारा मालिक है............

 

6.          तकदीर का रोना भी प्रताप क्या है रोना

  तकदीर बना करती बस पाके एक सहारा मालिक है............

 

 

*****