भजन -20
अरे, जगत में कोई ना परमानेंट, जगत में कोई ना
परमानेन्ट,
तेल चमेली चन्दन साबुन, चाहे लगा लो सेंट,
1. आवागमन लगी दुनियाँ में, जगत है रेस्टोरेंट,
रै प्यारे जगत है
रेस्टोरेंट,
अंत समय में उड़ जाएंगे, तेरे तम्बू टेंट, जगत में कोई........
2. हरिद्वार चाहे, मथुरा काशी, घूमों दिल्ली कैंट,
रे प्यारे घूमो
दिल्ली केंट,
मन में नाम प्रभु का
राखो, चाहे धोती पहनो या
पेंट जगत में कोई....
3. राष्ट्रपति हो कर्नल जनरल, या हो लेफ्टिनेंट,
रै प्यारे या हो
लेफ्टिडेंट,
ये काल सभी को खा
जाएगा, लेडीज हो या जेंट्स, जगत में कोई........
4. साधू संत की संगत कर लो ,ये सच्ची गवर्नमेंट,
रै प्यारे ये सच्ची
गोरमेंट,
'लाल सिंह' कहे इस दफ्तर से, मत होना ऐबसेंट, जगत में कोई........
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