Tuesday, December 15, 2020

38. जब जब याद पड़े रघुराई

 भजन-38

 

जब जब याद पड़े रघुराई

प्राण निकलना चाहे रे माई

 

1.  कैसे होंगे भैया मेरे तपती धरा और जलती धुप में

    कंकरी राहे, नगे पाँव भाभी होगी किस रूप में

    कोई न समझे, पीर पराई जब जब याद

 

2.  डर-2 लगता है भैया मुझे अब कभी ना अपनाएंगे

अपने ह्रदय का शीशा कैसे हम निकाल कर दिखाएँगे

कैसे सहंगे -2 ये लम्बी जुदाई जब जब याद

 

 

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