Tuesday, December 15, 2020

11. मन की तरंग मार लो, यही

 

भजन-11

 

मन की तरंग मार लो, यही हो गया भजन,
आदत बुरी सुधार लो, यही हो गया भजन,
प्यारे, मन की तरंग मार लो।

1. आये हो तुम कहाँ से, जाओगे तुम कहाँ,
   इतना ही दिल विचार लो, बस हो गया भजन, मन की तरंग.............

2. कोई तुम्हे बुरा कहे, तुम सुनकर करो क्षमा,
   वाणी का स्वर संभाल लो, यही हो गया भजन,
   इतना ही दिल विचार लो, बस हो गया भजन, मन की तरंग.............

3. नेकी सभी के साथ में, बन जाए तो करो.
   मत सर बदी का भार लो, यही हो गया भजन,
   इतना ही दिल विचार लो, यही हो गया भजन, मन की तरंग.............

4
. सिद्धांत साफ़ साफ़ है, सद्गुरु कबीर का,
   निज हँस रूप धार लो, यही हो गया भजन,
   इतना ही दिल विचार लो, यही हो गया भजन, मन की तरंग.............

 

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