Tuesday, December 15, 2020

59. कहीं राम लिख लिया है, कहीं श्याम

 

भजन-59

कहीं राम लिख लिया है, कहीं श्याम लिख दिया है,
साँसों के हर सिरे पर, तेरा नाम लिख लिया है


1.
सीता हरण में, रावण संग कितकी लड़ाई,
  
जब गिर गया जटायूं, तब याद प्रभु की आई,
  
हिस्से में उसके प्रभु ने, निज धाम लिख दिया है, कहीं राम….

 

2. पहुँचे दुखी सुदामा, सुखधाम के द्वारे,
   
घनश्याम रो दिए थे, जब दीनता निहारे,
   
क्षण भर में एक दुखी को, धन धाम लिख दिया है, कहीं राम….

3. शबरी को क्या पता था, क्या चीज है तपस्या,
   
बस राम राम कहकर हल कर दी सब समस्या,
   
देकर बिदाई प्रभु ने, विश्राम लिख दिया है, कहीं राम….

 

 

*****