Tuesday, December 15, 2020

37. तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ

                           भजन -37

 

तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओमेरे अलबेले राम,
तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ, मेरे अलबेले राम,


1. तन मन धन सब तुम पर न्योछावर
   ठुकरा दो या रखो अपना बना कर
   दे दो सजा या इनामओ मेरे अलबेले राम

 

2. हार गया अपनी अकल लड़ा कर,
   थक भी चूका हूँ अपनी शक्ति लगा कर
   अब अपना सम्भालो इंतजामओ मेरे अलबेले राम,

3. मुझको बना लो प्रभु अपना पुजारी
   निस दिन करूँ मैं सेवा तुम्हारी
   करूँ दर्शन तेरा सुबहो शामओ मेरे अलबेले राम,

 

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