Tuesday, December 15, 2020

5. पकड़ लो बाँह रघुराई

 

भजन -5

पकड़ लो बाँह रघुराई,
नहीं तो डूब जाएँगे 

 

1.    डगर ये अगम अनजानी, पथिक मै मूढ़ अज्ञानी
संभालोगे नही राघव, तो कांटे चुभ जाएँगे पकड़ लो.........

2.    नहीं बोहित मेरा नौका, नहीं तैराक मै पक्का
कृपा का सेतु बंधन हो, प्रभु हम खूब आएँगे पकड़ लो.........

3.    नहीं है बुधि विधा बल, माया में डूबी मती चंचल
निहारेंगे मेरे अवगुण तो, प्रभु जी ऊब जाएँगे पकड़ लो.........

4.    प्रतीक्षारत है ये आँगन, शरण ले लो सिया साजन
शिकारी चल जिधर प्रहलाद, जी भूल जाएँगे पकड़ लो.........

 

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