Tuesday, December 15, 2020

32. हरि बोल मेरी रसना घड़ी -2

 

भजन-32

 

व्यर्थ बिताती है क्यो जीवन, मुख मन्दिर मे पड़ी-पड़ी

हरि बोल मेरी रसना घड़ी -2

 

  1. जाग उठे तेरी ध्वनि सुनकर,
     
    इस काया की कड़ी कड़ी हरि बोल..........

 

  1. नित्य निकाल राम नाम धुन
     
    स्वांस स्वांस से लड़ी लड़ी हरि बोल..........

 

  1. बरसादे हरि नाम सुधारस
    बिन्दु बिन्दु से झड़ी झड़ी हरि बोल..........

 

 

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