Tuesday, December 15, 2020

41. बहुत दिन से तारीफ़ सुनकर तुम्हारी

 

भजन-41

 

बहुत दिन से तारीफ़ सुनकर तुम्हारी
शरण आ गया श्यामसुन्दर तुम्हारी

1.  जो अब टाल दोगे मुझे अपने दर से
तो होगी हँसी नाथ दर-दर तुम्हारी बहुत दिन से.........

 

2.  सुना है कि उसको न करुणा सताती
जो रहते हैं करुणा नज़र पर तुम्हारी बहुत दिन से.........

 

3.  यही प्रार्थना है यही याचना है
जुदा हूँ न नजरों से पल भर तुम्हारी बहुत दिन से.........

 

4.  ये दृग बिन्दुतुमको खबर दे रहे हैं
कि है याद दिल में बराबर तुम्हारी बहुत दिन से.........

 

 

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