भजन
-7
द्वारा सजदा, ऐ प्यारा सजदा, ऐ सोना सजदा,
दर्शन कर लो
मस्ती सी छाई है, खुशियाँ भी छाई है, सब नू
भायी है, झोली सारे भर लो
दर्शन पाके झुमदे ने सारे, छाई है खुशियाँ
अपार
वेख के दर दे अजब नज़ारे, जी पाया है सोना
दीदार
ते वजदे ने ढोल जी ये कैसा आनंद बरसता नजरा
दर्श अनमोल जी ये कैसा आनंद बरसता
1. सोने दर्शन, ऐ खुले दर्शन, प्यारे दर्शन,
आ जाओ जी कर लो
वेखों रज के, ओ रज -2 के, रल–मिल के, आओ सारे झुम लो
आनंदपुर दा सोना है नजारा, आये है सब दरबार
सारे जग तो सबसे निराला श्री आनंदपुर धाम वजदे ने ढोल जी..........
2. मेरा हारा वाला जी, मेरा कारा वाला जी,
मेरा संगता वाला जी, है सब तो निराला
श्री आनंदपुर वाला जी, श्री आनंदसर वाला जी
जी संगता वाला जी, है सबना नू है प्यारा
पल विच सबदी बिगड़ी बना दे, लीला है इसदी अपार
जेड़े वी आंदे ओता रज -2 पांदे, रहमता दे भरे ने भण्डार वजदें ने...........
3. अखियाँ दा तारा है, तू तारण हारा है
तू पालन हारा है, सानु तेरा ही सहारा
सानू चरना च ला, साडी बेड़ी बन्ने ला
न
है तेरे वरगा, सानु तेरा ही सहारा
साडी है जिन्दगी तेरे ही हवाले, तू ही है खेवन हार
तेरे बिना सानू कौन सम्भाले बेड़ा लगादे साडा पार हो वजदे..........
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