भजन -57
पाके दर्शन करार आ गया है
इन नजारों में प्यार आ गया है पाके............
1. आज
धरती गगन झूमे सारा जहाँ
ऐसे
सतगुरु भला फिर मिलेंगे कहाँ
तुम
दयालु हो करते दया जीवों पर
आज
तुझमे दुलार आ गया है इन नजारों ..............
2. तेरे
जलवो ने कुछ ऐसा जादू किया
जो
भी देखे वो खिंचता चला आ गया
जाने
कैसी कशिश तुझमे है सतगुरु
जो भी
आया वो बार -2 आया है इन नजारों.......
3. तू
ही दिलबर मेरा मेरे दिल में समां
है
तमन्ना के हो जाऊं तुझपे फिदा
है
जमाने को तेरी जरुरत प्रभु
सर
झुकाए निसार आ गया है इन नजारों में.........
******