भजन
-54
चरणों की तेरे जिसको मोहब्बत नसीब है
दोनों जहान की उसे दौलत नसीब है
1. जिस खुशनसीब को तेरी, खिदमत नसीब है
उसको कमी है क्या उसे जन्नत नसीब है चरणों
की..........
2. सब कुछ उसी ने पा लिया तू जिसका हो गया
जिसकों तेरे हुजुर में उल्फत नसीब है चरणों
की..........
3. दुनियां की ऐश ख़ाक उसकी निगाह में
भक्ति की जिसकों दायमी राहत नसीब है चरणों
की..........
4. उसको ना मोह माया, कभी सता सके
तेरे ही फैज की जिसे बरकत नसीब है चरणों
की..........
5. सब जानते है मैं तेरे दासों का दास हूँ
इस दर की ख़ाक से मुझे शौहरत नसीब है चरणों
की..........
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