भजन -6
सोना सजा दरबार तेरा मेरे दाता खुशियाँ भी है
शाद भी है
ते नाल-ए सुंदर दर्शन, बड़ा मस्ती दा आलम
नाल-ए सुंदर दर्शन
1.
महिमा तेरी कहीं न जाये, ऋषि मुनि तेरा पार न पाए
दर्शन के गुण गान करूँ मैं तेरे दाता खुशियाँ
भी है..........
2.
तेरी सूरत मन में बसाऊँ, दिल विच तेरा ध्यान लगाऊं
तू ही मेरी जींद मेरी जान मेरे दाता खुशियाँ
भी..........
3.
तेरे दरबार का कैसा नजारा, जब तू विराजे लगता है प्यारा
दासन दास भी जाये कुरबान मेरे दाता खुशियाँ
भी.............
4.
कुल जग में तेरी शान निराली, तेरे पीछे दुनिया है मतवाली
सब देवता आये तेरे चरणार मेरे दाता
खुशियाँ.............
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