Wednesday, December 30, 2020

33. सेवा सत्संग तेरा सुमिरन

 

भजन -33

 

सेवा सत्संग तेरा सुमिरन हर एक स्वास करे

प्रीत हमारी तोड़ निभाना ए अरदास करे

 

1. कैसे चले तेरी राहों पर इसका सार भी दे दो

बल दो बुद्धि दो भक्ति दो अपना प्यार भी दो

हम बालक अनजानों पर यह रहमत ख़ास करे प्रीत हमारी..........

 

2. तेरी याद लबों पर तेरा ही गुणगान करे

दिल में बस तेरी उल्फत हो तेरा ध्यान रहे

जैसा एक पपीहा रचती बूंद की आस करे प्रीत हमारी..........

 

3. पास हमें कर दो भक्ति के सब इम्तिहानों में

नजर हमेशा मेहर की करना हम अनजानों में

झोली आज फैलाने आये पूरी आस करे प्रीत हमारी..........

 

4. अमर हुआ दीपक वो जिसका बनता तू आधार

जग के स्वामी अन्तेर यामी साचे पालन हार

नूर ईलाही दाता तुझ पर ही विशवास करे प्रीत हमारी..........

 

 

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