भजन
-23
जन्मों जन्म से तू साथी है मेरा, मात पिता
तू ही बंधू है मेरा
1. बंदगी में मेरा सर झुका ही रहे
तेरी मूरत सदा मेरे मन में बसे
इस दिल को अपना मंदिर बना लो -3
दूर करों मेरे मन का अँधेरा जन्मों जन्म तू ही...........
2. तेरी पूजा मैं ध्यान भी तेरा करूँ
मन तो है तेरा, तन धन भी भेंट करूँ
दिन रात सोते तेरी यादों में बीते
श्यामों सहर दिल में तेरा बसेरा जन्मों जन्म तू
ही...........
3. जिसकों तू मिल गया उसकों सब मिल गया
एक झलक तेरी पाके ए दिल खिल गया
जहाँ तू है सतगुरु खुशियाँ वहीँ है
तू जनत है मेरी, जहां तू है मेरा जन्मों जन्म से तू
साथी..........
4. इस दिल को अपना मंदिर बना लो
दूर करों मेरे मन का अँधेरा
मात पिता तू
ही बंधू है मेरा जन्मों जन्म से तू साथी..........
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