भजन
-17
रहमत मिले जो तेरी बिगड़ी बनेगी मेरी
तेरे मेरे प्यार अंदर होवे होवे ना हेरा
फेरी
1. दुनिया के गम बड़े जो मुझ को गिला नहीं है
जो जल्दी खत्म हो ये वो सिलसिला नहीं है
आखों से दिल मिलाओ किस बात की है देरी रहमत.......
2. दिल में जो आप आये दिल को करार आये
उजड़ा पड़ा जो गुलशन फिर से बहार आये
चरणों से अब लगा लो विनती यही है मेरी रहमत......
3. मेरे सतगुरु जी दाता एक बात पूछता हूँ
दर -2 पे जाके जाता क्यूँ तुम को ढ़ूँढ़ता हूँ
दीवाना कर दिया है नजरे पड़ी जो तेरी रहमत....
4. नैनों की इस गली में इक बार तो आ जाओ
मालिक तुम्ही हो दिल के आकर इसे सजाओं
मेरी साधना तुम्ही हो, पूजा तुम्ही हो मेरी
रहमत......
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