भजन
-49
सतगुरु जी तेरे प्यार दी बरसात हुन्दी रवे
एक पल वी ना रुके दिन रात हुन्दी रवे
1. काबिल नही सी रहमत दे, काबिल बना लया
राहा विच उड़दी धुल नू चरणा नाल ला लया
हुन तेरे नाल सतगुरु मुलाक़ात हुन्दी रवे एक पल...........
2. सेवा ते भक्ति दी तुसी दात लुटांदे हो
नाम ते सुमिरन वाला अमृत पिलांदे हो
बस तेरे नाल सतगुरु गल-बात हुन्दी रवें एक पल...........
3. चरणा विच तेरे बैठ के तेरा ध्यान मंगदे
हाँ
हर स्वांस -2 मेरे सतगुरु दीदार मंगदे हाँ
चरणा विच ऐ अरदास मेरी स्वीकार हुन्दी रवे एक पल........
4. गावां तराने नाम दे, मस्ती विच झुमा मैं
देखा न सोचा होर नूं, एक तेरे वाजों मैं
बस तेरे नाल सतगुरु हर बात हुन्दी रवे एक पल.........
*****