भजन-62
सुनो सतगुरु जी विनय एक हमारी हमें चाहिए एक भक्ति तुम्हारी
1. मुझे अपने चरणों का आधार बक्शों
सदा प्रीत चरणों की दातार बक्शों
रहेंगे जन्म -2 तुम्हारे आभारी सुनो.............
2. नहीं चाहिए दुनिया की ऐशे ईशरत
नहीं चाहिए वो जमाने की शौहरत
फक्त
चाहिए तेरे नाम की खुमारी सुनो.............
3. है विश्वास रहमत, करोंगे प्रभु जरुर
विनय मेरी प्रभु जी करोंगे मंजूर
है महिमा
जगत में तुम्हारी ये भारी सुनो.............
4. तमन्ना है दास की भक्ति कमाऊं
चरणों की सेवा में मन चित्त लगाऊं
करों मांग
पूरी है झोली पसारी सुनो.............
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