Wednesday, December 30, 2020

46. तेरे एहसान का बदला

 

भजन -46

 

तेरे एहसान का बदला चुकाया जा नहीं सकता -2

कर्म ऐसा किया तुमने भुलाया जा नहीं सकता

तेरे एहसान का बदला चुकाया जा नहीं सकता -2

 

1. अगर मुझको ना तू मिलता, मेरा मुश्किल गुज़ारा था

    जो पहुँचा है बुलंदी पर, वो इक टूटा सितारा था

    दिलों से तेरी उल्फ़त को मिटाया जा नहीं सकता कर्म ऐसा.......

 

2. बड़ी ऊंची तेरी रहमत, बड़ी झूठी जुबां मेरी

    तुझे गुरुवर समझ पाऊँ, ये हस्ती कहाँ मेरी

    तेरी रहमत को लब्जों में सुनाया जा नहीं सकता कर्म ऐसा.......

 

3. मेरे जीवन पे साया रहें, सदा तेरी इनायत का

    मुझे तो शोक़ दुनियां में, सदा तेरी इबादत का

    बिना तेरे इस जीवन को सजाया जा नहीं सकता कर्म ऐसा.......

   

*****