भजन
-1
नाम जपो रे भाई नाम है सुख की खान
1. नाम बिना सब धोखे धंधे, मिथ्या जगत है सारा
सार वस्तु है नाम जगत मे, भव से तारण हारां
वेदों ने महिमा गाई, नाम है.............
2. भव तरने का सुगम तरीका, नाम का सिमरन कर लो
साँचा
धन परलोक की पूंजी, आँचल में इसे भर लो
हर
दम रहे सहाई, नाम
है..............
3. नाम सिमर कर ध्रुव भगत ने, अमर धाम को पाया
ऐसे ही प्रहलाद भगत ने, नाम का डंका बजाया
संतो ने महिमा गाई, नाम है…………………
4. मन मलिन की मैल उतरती, नाम जपे जो मन से
चौरासी चक्कर कट जाता, गुरु जी के नाम भजन से
नाम की सकल बढ़ाई, नाम है..................
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