Friday, December 25, 2020

32. मेरे सतगुरु प्यारे जी

 

भजन-32

 

मेरे सतगुरु प्यारे जी तेरी शरण में आया हूँ, दया प्रभु मुझ पे करों

मेरे दिल की धड़कन प्रभु ये तुमसे कहती है, भक्ति से झोली भरो

 

1. गुण कुछ नहीं पास मेरे, तुझे कैसे रिझाऊं मैं

तन मन से निर्बल हूँ, क्यां भेंट चढ़ाऊँ मैं

दो फूल मैं श्रद्धा के मैं दर पे लाया हूँ

स्वीकार इसको करों मेरे सतगुरु............

 

2. जो प्यार दिया तुमने उसे भूल न पाउँगा

उपकार किए मुझपे मैं दिल से गाऊंगा

तेरी ही रहमत से तेरे ही चरणों की छाया है

सिर पर हाथ धरों मेरे सतगुरु..........

 

3. इस जीवन को मेरे प्रभु तूने ही सहारा है

हर पल ही साथ दिया जब तुझको पुकारा है

निभ जाए चरणों में, ये मन न कभी डोले

मन में प्रेम भरो मेरे सतगुरु............

 

4. हूँ दास तेरा सतगुरु रहूँ बन के सदा तेरा

कभी कम न हो दाता ये प्यार तेरा मेरा

मैं अवगुण हारा हूँ, रख लेना लाज मेरी

नईयां को पार करों मेरे सतगुरु............

*****