भजन-41
दया करो सतगुरु
तुम्ही सबके बख्शन हारे
भक्ति दान देदो , आया हूँ मैं दर पे तुम्हारे
1. मैं
जीव हूँ भूलनहारा, तुम्ही हो राह दिखाते
माया
में जो भी फस जाता , उसको तुम हो बचाते
रक्षा
मेरी करना माया कड़ी है पाँव पसारे दया करों...........
2. अवगुण
चाहे लाख है मुझमे, पर मैं दास हूँ तेरा
एक
तुम्हारी आस लगाईं, दूजा न कोई मेरा
बिन
तेरे कहा जाऊं, बोलो प्रीतम प्यारे दया करों...........
3. पारब्रह्म
परमेश्वर सतगुरु, तुम हो अंतर यामी
नईया
मेरी तेरे हवाले सतगुरु पार लगानी
तूफानों
से प्रभु जी तुम बिन कौन उबारे दया करों...........
4. तेरी
नजर रहमत से ही भक्ति तेरी मिलती
जिसने
तेरा दामन पकड़ा, उसकी किस्मत खिलती
दास
करे विनती, अंग संग रहना प्रभु हमारे दया करों...........
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