Friday, December 25, 2020

27. मैं सेवक हूँ तेरा और

 

भजन-27

 

मैं सेवक हूँ तेरा और तू है मेरा भगवन

खिल जाती है मन की कलि पाकर के तेरा दर्शन

 

1. मेरा मन ना उलझे कभी माया के समानो में

हो जाए मेरी गिनती प्रभु तेरे दीवानों में

रहे मेरी जुबान पर भी तेरी महिमा का गायन मैं सेवक.........

 

2. मैं जीव अयाना हूँ तुम देवों के  हो देव

श्री चरणों की मुझको बख्शों निशदिन ए सेव

रहे ध्यान में तेरे ही आठों याम मगन मैं सेवक.........

 

3. मन मोहन मूरत पे जाऊं मैं बलिहारी

हर जन्म में तेरा ही रहूँ भगवन आभारी

बड़े भागो से प्रभु पाई है तेरी शरण मैं सेवक.........

 

4. यह दास भी द्वार तेरे बन आया है सवाली है

नहीं किसी को लोटाया कभी तूने खाली है

निज प्रेमा भक्ति से भर दो मेरा दामन मैं सेवक.........

 

 

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