Friday, December 25, 2020

17. निराला सुख है पाया

 

भजन -17

 

निराला सुख है पाया जो भी सत्संग में आया -2

जिंदगी बदल गई -2 पलटा किस्मत ने खाया -2

 

1. था जीवन में जिसके भी अंधेरा ही अंधेरा -2

    मिली जब शरण गुरु की सवेरा ही सवेरा -2

    नसीब तब जाग गए... द्वार सतगुरु के आया

 

2. सतगुरु सुख सागर है, भक्ति के है भण्डारी -2

    प्रेम के है ये समुन्दर नही इनसा हितकारी -2

    भटकते जीवो को.... रस्ता है आन दिखाया

 

3. सुखी होने का गहरा राज है ये समझाते -2

    किसमें सुख है किसमें दुख, वचनों में ये फरमाते -2

    ये भी बतलाते है किसलिए जग में आया

 

4. दास जो सुख सत्संग में ,कहीं नहीं ओर मिलेगा -2

    गुरु के वचनों से ही, दुख दर्द सब टलेगा -2

    प्रभु की कृपा बड़ी जो ये संयोग बनाया

 

 

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