भजन-45
ऐ दिन बन्धु सतगुरु मैं हूँ शरण तुम्हारी
चरणों का हूँ उपासक चरणों का हूँ पुजारी
1. गफलत
की नींद से है तुमने हमें जगाया
नुक्सान
पायेगा और अच्छा बुरा सुझाया
उपकार
तेरा हम पर बेशक है बहुत भारी चरणों का.......
2. दुखियों
के दुःख मिटाना ऐ नाथ काम तेरा
पाया
है परम आनंद जप -2 के नाम तेरा
गए
सब भ्रम अंदेशे मिटी मन की बेकरारी चरणों का.......
3. ऐ
सतगुरु जी तेरी, मैं कह सकूँ बढाई
मेरी
जुबां इतनी ताकत कहा से आई
है
अनंत तेरी महिमा थोड़ी समझ हमारी चरणों का.......
4. रहे
नैनों में समाया दिन रात ध्यान तेरा
पल
-2 करूँ मैं सुमिरन करुणा निधान तेरा
ह्रदय
में हो हमेशा तस्वीर तेरी प्यारी चरणों का.......
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