भजन-76
सतगुरु का मीठा नाम जपले तू आठो याम
बन जाए बन जाए बन जाए तेरा काम
1.
तुझे काल माया है नाच
नचाते
तेरी सुरति नाम से दूर हटाते
मन के ख्यालों को छोड़ गुरु वचन से नाता जोड़ बन
जाए.............
2.
लाख चौरासी में है रहा
तू भटकता
नर तन पाने को रहा तू तरसता
मिला है मानुष जीवन
कर इसमें पल पल सुमिरन बन जाए..............
3.
नाम की जोत अपने
घट में जला ले
मन का अँधेरा अब दूर हटा ले
भक्ति की लगन लगाना हर स्वांस नाम ध्यान बन
जाए.............
4.
बड़ी सुखदायी है संतो की
संगत
इनकी शरण में चढ़ती नाम की रंगत
भक्ति का पथ दर्शाते निज घर की राह दिखाते बन
जाए.............
5.
करले जमा तू दासा नाम
की दौलत
दोनों ही लोक संवेरे इसकी बदौलत
कट जाए चौरसी फेरा हो सफल जन्म तेरा बन
जाए.............
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