भजन
-8
है पांच नियम गुरु दरबार के इन सब को समय से
निभाया करें
1. शुभ अमृत वेला में सुमिरन भजन
श्री आरती
पूजा हित चित से करें
फिर श्री आज्ञा अनुसार गुरुमुख
निष्काम भाव से सेवा करें है पांच नियम…………….
2. फिर चौथा नियम है सत्संग का
सत्पुरुषों की
संगत करते रहे
सब जीवन ही
सत्य रूप बने
सत्पुरुषों की
राह नुमाई में चले है पांच नियम…………….
3. फिर पांचवा नियम श्री दर्शन का
देवी देव ऋषि
मुनि सब तरस रहें
कोटि जन्म के
पाप कट जाते हैं
जो श्रद्धा से
सतगुरु दर्शन करे है पांच नियम…………….
4. ये पावन नियम रूहानी दरबार के
जिनकी महिमा
को जाने गुरुमुख सज्जन
है बनाया
इन्हें सत्पुरुषों ने
जीवों के
कल्याण और हित के लिए है पांच नियम…………….
5. मुख रख कर वचनों को जो भी चले
उसको सतगुरु
की रहमत का साया मिले
फूल भक्ति के
उसके जीवन में खिलें
दास खुशियों
से सदा भरपूर रहें हैं पांच नियम…………….
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