भजन-36
कितना सुहाना दिन है आया
अपने प्रभु जी का दर्शन पाया
झूम -2 के आई बहारे मन हर्षाया
1. आपका नूरानी मुखड़ा सतगुरु दयाल जी
जबसे निहारा मैं तो हो गया निहाल जी
कलियों ने गीत गाये फूल मुस्काया अपने..........
2. अनोखी तस्वीर तेरे दर्शन दीदार में
खिंचा चला आये प्रभु सेवक तेरे प्यार में
चारों तरफ तेरा नूर है समाया अपने
प्रभु.............
3. झूम रहा है मनवा सतगुरु दीदार में
किया उपकार प्रभु दर्श दिखा के
कृपा ने तेरी प्रभु भाग जगाया अपने प्रभु.........
4. सेज है बिछाई प्रभु ह्रदय में तुम्हारी
आकर विरजों यही विनती है हमारी
दास पे दृष्टि कर उपकार कमाया अपने प्रभु........
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