भजन
-34
शुभ दिन है आज आया नई बहार लेकर
तपती रूहों को शीतल कर दिया है दर्शन देकर
1. आज होवे सबको मुबारिक घर में है प्रभु पधारे
पाकर के सुंदर दर्शन जागे है भाग हमारे
अब हो गई दूर उदासी नुरानी छवि निरख कर तपती रूहों
को शीतल.........
2. आनंद ही आनंद छाया हर कली-2 कण में
नव खुशियों का संचार हो गया है जन -2 में
खुशियों में झूम रहे है अपने सतगुरु को पाकर तपती
रूहों को.............
3. इस नीरस जिंदगी को फिर से किया है शाद
अपने विरद की सुनकर मेरे प्रभु ने फरियाद
रहमत की दृष्टि फिराई निज करुना और द्या कर तपती
रूहों को.......
4. इस दास पर दाता जी सदा रहमत करना इतनी
पाऊँ मैं सुंदर दर्शन अभिलाषा है बस ये ही
उपकार नहीं भूलूंगा तेरा मैं जन्म-2 तक तपती रूहों
को.............
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