भजन-57
राज
विहार में प्रकटी जोत ईलाही
1. राम
रूप श्री सतगुरु प्यारे, इस संसार में आए
दर्शन पाके प्यारे
प्रभु के सबने भाग मनाये
सबके चहरे खिले
है सबको अजब है मस्ती छाई
2. सब
गम से आजाद हुए है श्री चरणों में आकर
तन मन न्योछावर
कर दे सच्ची भक्ति पाकर
सबकी झोली देखों
सच्ची खुशियों से भर आई
3. बार
-2 ये खुशियों के अवसर मिलकर सभी मनाये
प्रथम रूप में
प्यारे -2 दर्शन सदा ही पाए
दासा होए मुबारिक
तुमको बारम्बार बधाई
इस अवसर की सभी
गुरुमुखों को बारम्बार बधाई
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