भजन -10
श्री दरबार के पांच नियम सुख पाए जो करे
सेवन
1. श्री आरती पूजा दोनों समय
पहला नियम ये हृदय धरे
शुद्ध होता है अन्त करण सुख पाये जो करे मनन
2. दूसरा नियम है सेवा निष्काम
करे जो पाये दरगह मान
शीतल होता है तन व मन
सुख पाये...........
3. नियम तीसरा है सत्संग
निर्मल हो जाता है मन
संत बताते है जब ढंग
सुख .................
4. चौथा नियम है सुमिरन ध्यान
सूरत शब्द की कर
पहचान
मन जुड़ जाये गुरु
चरणन सुख ................
5. पांचवा नियम है श्री दर्शन
मिट जाये सभी संशय
भरम
दास का होता सफल जीवन
सुख...........
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