भजन-65
गुरुदेव
मेरी नईयाँ उस पार लगा देना
अब तक तो
निभाई है आगे भी निभा देना
1.
चिंता से भरा ये मन गुरु जी को अर्पण
ये सोच कृपा करोंगे तुम आज नहीं तो कल
जो बाग़ लगाया है, फूलों से सजा देना अब तक..............
2.
मुख मोड़ लिया सबने मुझे इसका भी गम तो नहीं
मुझे सब कुछ तूने दिया इतना गम तो नहीं
विश्वास की डोरी को, तुम बाँध के रख देना अब तक.....
3.
तेरे दर्शन के प्यासे जन्मों से तेरे ये दास
चरणों में लगा रखना अब चाहे तेरे ये दास
अब द्वार खड़े तेरे, हमें राह लगा देना अब तक...........
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