भजन -23
श्री सतगुरु जी, मेरी सुनो विनती बक्शो अपनी
भक्ति
1. मेरे सच्चे पिता माता तू ही है भक्ति का दाता, जाने
संसार
तेरे संग मेरा नाता मेरे भाग्य विधाता दीजों अपना
ही प्यार
ऊँची शान है तेरी भर दो झोली मेरी बक्शो अपनी भक्ति........
2. माया ने है जो भरमाया तेरा नाम जो भुलाया, सुख पाया
नहीं
कर दो मुझपे सतगुरु छाया मेरा जी घबराया, ओट गहि
मैं तेरी
दृष्टि कृपा की करों मेरे दुखड़े हरों बक्शों अपनी
भक्ति........
3. तू है रहमत का सागर, नाम जग में उजागर, बाह पकड़ो
मेरी
जीवन जाये संवर, मिट जाये चिंता फिक्र हो जाये कृपा
तेरी
भूंलू तेरा ना एहसान ऐ मेरे भगवान् बक्शो अपनी
............
4. तेरे चरणों का हूँ चेरा काटो चौरासी का फेरा मेरे
सतगुरु जी
मेरे ह्रदय लाओ डेरा, पाऊ हर पल दर्शन तेरा, विनती
मान मेरी
मेरे सतगुरु दिन दयाल कर दो दास को निहाल बक्शों
अपनी भक्ति....
*****