भजन
-21
मुझे चरण कमलों में दे दो ठिकाना
शरण तेरी आया मैं कृपा निधाना
1. बसे मेरी आखों में तस्वीर तेरी
बने तेरी रहमत तकदीर मेरी
मुझे अपनी नज़रों से कभी न हटाना शरण.............
2. तेरे नाम की जप हर स्वांस माला
ना होश रहे पीके, प्रेम का प्याला
मोहब्बत में ऐसा कर दो दिवाना शरण.............
3. नहीं कोई दर ऐसा आलिशान देखा
बदलती यहां पर कर्मों की रेखा
तुझे सजदा करने को तरसे ज़माना शरण.............
4. बुरा या भला हूँ आखिर हूँ तुम्हारा
कभी लड़खडाऊ तो देना सहारा
नित दास की भगवन लाज बचाना शरण.............
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