भजन
–74
चरणों में रहने दो
या चरणों के आस पास
दूर से मन की बुझती
नहीं प्यास
1.
दर्द जमाने ने बहुत दिए है, प्रभु तेरे दर्शन से गम
दूर हुए है
तेरे बिना प्रभु जी किसकी करूँ मैं आस दूर से
मन...............
2.
ये माना प्रभु मैंने अवगुण है मुझ में, तुम मुझ पे
कृपा कर दो
तेरे
एक इशारे से आये तेरे पास दूर से मन...............
3.
रहमत तुम्हारी गर हो जाए मुझ पर, सेवा करूँ मैं तेरे
दर पर
रखना
प्रभु जी मुझको चरणों के आस पास दूर से मन...............
4.
तेरे बिना प्रभु जी कौन है मेरा मतलब कि दुनिया झूठी
ये प्रीत है
दास
को रखना प्रभु जी चरणों के आस पास दूर से मन.........
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