भजन -42
मेरे सतगुरु जी महाराज युगों युग जय हो तेरी
तुम संतन के सिरताज, युगों युग जय हो तेरी
1. तेरे
चरणों का, जिसने लिया आधार है
बड़ा
उसका भवसागर से, किया पार है
ओट
गहे जो तेरी रहे ना, दुनिया का मोहताज युगों युग............
2. तेरा
सुमिरन सुख, mangal का मूल है
जग
की चिंता तो, ह्रदय का शूल है
एक
बार जो नाम तेरा ले, पूरण उसके काज युगों युग............
3. नाम
तेरे की महिमा कौन ब्यान करे
श्रण
में जो जीवन का, ये कल्याण करे
नाम
तेरा ही है दुनिया में, सच्चा सुख का सार युगों युग............
4. निशदिन
गीत गुरु जी, तेरे गाऊं मैं
बार
-2 चरणों में शीश झुकाऊं मैं
दासन
दास पड़ा डर तेरे रखना मेरी लाज युगों युग............
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