Saturday, December 19, 2020

1. जगत के रंग क्या देखे

 

भजन -1

 

 जगत के रंग क्या देखे तेरा दीदार काफी है

 करूँ मैं प्यार किस-किस से तेरा इक प्यार काफी है

 

1. नहीं चाहिए ये दुनियां के निराले रंग ढंग मुझको -2

  चला आँऊ मैं दर तेरे तेरा दरबार काफी है  जगत...........

 

2. जगत के साज बाजों से हुए है कान अब बहरे -2

कहां जा के सुनूँ अनहद् तेरी झंकार काफी है जगत..............

 

3. जगत के रिश्तेदारों ने बिछाया जाल माया का -2

    तेरे भक्तों से हो प्रीती तेरा परिवार काफी है जगत..............

 

4. जगत की झूठी रोशनी से है आँखे भर गई मेरी -2

    मेरी आँखों में हो हरदम, तेरी चमकांर काफी है जगत……………

 

 

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2. नी मैं नचना आज तेरे

 

भजन -2

 

 नी मैं नचना आज तेरे नाल आज मैनूँ नच लैन दे

 

1. दुनियां लई मैं नचया बतेरा

फिर वी कोई ना, बनया मेरा

मेरा हारां वाला घनशाम आज मैनूँ नच लैन दे............

 

2. पैरां दे विच घुंघरू पाके

अपने शाम दा मैं जोगी बनके

  अँखा ला लईयाँ शाम दे नाल के आज मैनूँ नच लैन दे............

 

3. हुन मैं किसी कोल नईयों ड़रना

जो मेरे मन आये मैं करना

  मेरा सतगुरु दीन दयाल के आज मैनूँ नच लैन दे............

 

 

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3. ना जी भर के देखा, ना कुछ

 

भजन -3

 

ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की, बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की।
करो दृष्टि अब तो प्रभु करुना की, बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की॥

1. गए जब से मथुरा वो मोहन मुरारी,
   सभी गोपियाँ बृज में व्याकुल थी भारी।
   कहां दिन बिताया, कहां रात की, बड़ी आरजू थी..........


2. चले आयो अब तो ओ प्यारे कन्हैया,
   यह सूनी है कुंजन और व्याकुल है गैया।
   सुना दो अब तो इन्हें धुन मुरली की, बड़ी आरजू थी..........


3. हम बैठे हैं गम उनका दिल में ही पाले,
   भला ऐसे में खुद को कैसे संभाले।
   ना उनकी सुनी ना कुछ अपनी कही, बड़ी आरजू थी..........

 

4. तेरा मुस्कराना भला कैसे भूलें,
  वो कदमन की छैया, वो सावन के झूलें।
  ना कोयल की कू-कू, ना पपीहा की पी, बड़ी आरजू थी..........


5. तमन्ना यही थी की आएंगे मोहन,
  मैं चरणों में वारुंगी तन मन यह जीवन॥
  हाय मेरा यह कैसा बिगड़ा नसीब, बड़ी आरजू थी..........

 

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4. मेरा आपकी दया से सब

 

भजन -4

 

मेरा आपकी दया से सब काम हो रहा है।
करते हो तुम सतगुरु मेरा नाम हो रहा है॥

1. पतवार के बिना ही मेरी नाव चल रही है।
   हैरान है ज़माना मंजिल भी मिल रही है।
   करता नहीं मैं कुछ भी, सब काम हो रहा है॥

2. तुम साथ हो जो मेरे, किस चीज की कमी है।
   किसी और चीज की अब दरकार ही नहीं है।
   तेरे साथ से गुलाम अब गुलफाम हो रहा है॥

3. मैं तो नहीं हूँ काबिल, तेरा पार कैसे पाऊं।
   टूटी हुई वाणी से गुणगान कैसे गाऊँ।
   तेरी प्रेरणा से ही सब यह कमाल हो रहा हैं॥

 

 

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5. मेरे मोहन तेरा मुस्कराना

 

भजन -5

 

मेरे मोहन तेरा मुस्कराना  भूल जाने के काबिल नहीं है

जिसको मिल गया आनंदपुर वाला उसको दुनियां की परवाह नहीं

 

1. ख़त लिखकर के तुमको बुलाया, आप कार पे बैठ कर आए

जो ख़ुशी मेरे दिल को मिली है, वो बताने के काबिल नहीं है मेरे.......

 

2. जब से देखा है जलवा तेरा, कोई मन को भी भाता नहीं है

वैसे देखे है लाखों ही जग में, तेरे जैसा कोई जग में नहीं है.,..........

 

3. अभी आए अभी चल दिए हो, मेरे दाता जी मुझको बताओ

मेरे आखियाँ है अब तक प्यासी, अभी जी भर के देखा नहीं है.........

 

4. मैंने पूछा के फिर कब मिलोगे, मेरे दाता जी मुझको बताओ

पहले मुस्कराए फिर बोले, हम तो दिल में समाये हुए है,

मिलने की जरुरत नहीं है मेरे मोहन...................

 

 

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6. मेरी लगी श्याम संग प्रीत

 

भजन -6

 

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनियां क्या जाने 2-
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनियां क्या जाने 2-
क्या जाने कोई क्या जाने 2-

1. छवि लगी मन श्याम की जब से, भई बावरी मैं तो तब से
  बाँधी प्रेम की डोर मोहन से, नाता तोड़ा मैंने जग से
  ये कैसी पागल प्रीत ये दुनियां क्या जाने
  ये कैसी निगोड़ी प्रीत ये दुनियां क्या जाने क्या जाने कोई....

2. मोहन की सुन्दर सूरतिया, मन में बस गयी मोहनी मूरतिया
   जब से ओढ़ी शाम चुनरिया, लोग कहे मैं भई बावरिया
   मैंने छोड़ी जग की रीत ये दुनियां क्या जाने क्या जाने कोई....

3. हर दम अब तो रहूँ मस्तानी, लोक लाज दीनी बिसरानी
  रूप राशि अंग-अंग समानी, हे रत हे रत रहूँ दीवानी
  मैं तो गाऊँ ख़ुशी के गीत ये दुनियां क्या जाने क्या जाने कोई....

4. मोहन ने ऐसी बंसी बजायी, सब ने अपनी सुध बिसरायी
   गोप गोपियाँ भागी आई, लोक लाज कुछ काम न आई
   फिर बाज उठा संगीत ये दुनियां क्या जाने क्या जाने कोई....

5. भूल गयी कही आना जाना, जग सारा लागे बेगाना
   अब तो केवल शाम सुहाना, रूठ जाये तो उन्हें मनाना
   अब होगी प्यार की जीत ये दुनियां क्या जाने क्या जाने कोई....



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7. जब याद तुम्हारी आती है

 

भजन -7

 

जब याद तुम्हारी आती है मेरा जी भर भर जाता है!

 

1. मैं पल पल तुम्हे बुलाती हूँ तुम आते हो मुस्कराते हो

मुस्कराकर फिर छिप जाते हो क्या ये ही तुम्हे सुहाता है जब...........

 

2. ये कैसी ये निष्ठुरता है, हाय कैसी ये बेदर्दी है

या ये क्रंदन भी झूठा है जो उन तक पहुँच न पाता हैं जब

 

3. हे प्रीतम प्रणाधार हरे, हे मोहन नन्द कुमार हरे

एक बार तो आकर अपना लो अब तुम बिन रहा न जाता हैं जब......

 

4. न कोई अपना है जग में, न कोई पराया लगता है

इस दासी का तो बस केवल एक शाम तुम्हीं से नाता हैं जब...........

 

 

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8. हर स्वाँस में हो प्रभु सिमरण

 

भजन -8

 

हर स्वाँस में हो प्रभु सिमरण तेरा ऐसा बना दो जीवन मेरा

तेरी सेवा करते-2 बीते सांझ सवेरा

 

1. याद तेरी को सदा दिल में बसाऊँ

   आठों पहर बस तेरे गीत गाऊँ

   तेरे चरणों में ही रहे मन मेरा ऐसा बना दो.........

 

2. जग में रहूँ पर जग से आजाद रहूँ

   तेरे सिवा और न किसी का मोहताज रहूँ

   नाम तेरा हो सच्चा धन मेरा ऐसा बना दो.........

 

3. ख्वाहिश न जग की मुझ को सताये

   चिंताये हरगिज न नजदीक आये

   करता रहूँ प्रभु चिंतन तेरा ऐसा बना दो.........

 

4. ऐसा तेरी पूजा में दास खो जाए

   मैं न रहूँ तू ही तू हो जाए

   सफल हो जाए नर तन मेरा ऐसा बना दो.........

 

 

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9. हारां वाले से जिसका

 

भजन -9

 

हारां वाले से जिसका संबंध है

उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है............

 

1. झूठी ममता से करके किनारा

    लेके सच्चे प्रभु का सहारा

जो उसकी रजा में रजामंद है उसको.......

 

2. निंदा चुगली ना जिसको सुहायें

बुरी संगत की रंगत ना भाये

जिसकों सत्संग हर दम पसंद है उसको....... 

 

3. संत ऋषियों की वाणी को माने

प्रेम भक्ति की महिमा को जाने

जिसके ह्रदय में सतगुरु हर दम है उसकों हर दम.........

 

 

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10. सोने मुखड़े दा लैन दे

 

भजन -10

 

सोने मुखड़े दा लैन दे नजारां के तेरा केड़ा मूल लग दा

 

1. तेरी दीद दा चाँद नजरां ना चुरा -2

आज नजर मिला के बैठा रह -2

तैनूँ वेखना है ओ शाम सुंदर

साडे सामने आके बैठा रह सोने मुखड़े...............

 

2. हुस्न तेरे दी मैं खैर मनांवा -2

तू तक लवे ते मैं तर जावां -2

ऐंवें निक्का जया करदे इशारा के तेरा........

 

3. मुख तेरा सोनया गुलाब नालो चंगा है -2

नशा तेरी अखां दा शराब नाल चंगा है -2

ओ इनां अँखिया नूँ लैन दे नजारां के तेरा...............

 

 

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11. पाइयाँ तेरे दर तो मैं रहमतां

 

भजन -11

 

पाइयाँ तेरे दर तो मैं रहमतां हजारां शुक्र गुजारां मैं तेरा शुक्र गुजारां

 

1. सुख देवे दुःख देवे, झोली विच पा लवा -2

दुखां नूँ वी दातया मैं सुखां नाल ला लवा -2

जेड़ा वेला आवे ओनू हँस के गुजारा शुक्र गुजारा.............

 

2. दर-दर रुलदे सी किसे ना  सम्भालया -2

सतगुरु प्यारेया ने चरणां नाल ला लाया -2

ओखे वेले सुन लईयाँ साडियाँ पुकारा शुक्र गुजारा.............

 

3. कोड़ियाँ दा मूल नई सी हीरेया दा पै गया -2

जदो दा मैं दाता तेरेया चरणां विच बै गया -2

तेरे चरणों दे उत्तो जावां बलिहारां शुक्र गुजारा............

 

4. रहमतां नूँ वेख अँखा हँस पईयाँ रोंदियाँ -2

साडे कोलो दाता तेरीयाँ सिफता ना होंदियाँ -2

तेरे चरणां तो सदके तन मन वारां शुक्र गुजारा.....

 

 

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12. हारां वाले की देख छटा

 

भजन -12

 

हारां वाले की देख छटा मेरो मन है गया लट्टा पट्टा

 

1. जब मैं दर्शन हाल में पहुँचा -2

ऐसा नजारां कहीं ना देखा -2

जब सिंहासन का पर्दा हटा मेरो मन...........

 

2. जब मेरे सतगुरु कार पे आये -2

संगतों ने  जयकारे लगाये -2

फिर सतगुरु ने गुरुमुखों कहा मेरो मन...........

 

3. जब मेरे सतगुरु लीला है करते -2

भक्ति से सबकी झोलियाँ है भरते -2

सबपे देते है रहमत बरसा मेरो मन...........

 

4. ऐसा रूप कही ना पाया -2

मेरे मन को तो तू ही है भाया -2

सिर पे सोना रूमाला सजा मेरो मन...........

 

5. चिट्टा चोला अंग बिराजे -2

गल फूलों की माला साजे -2

सिर पे सोना रूमाल सजा मेरो मन...........

 

 

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