भजन
-1
जगत
के रंग क्या देखे तेरा दीदार काफी है
करूँ मैं प्यार किस-किस से तेरा इक प्यार काफी
है
1. नहीं चाहिए ये दुनियां के निराले रंग ढंग मुझको -2
चला आँऊ मैं दर तेरे तेरा दरबार काफी है जगत...........
2. जगत के साज बाजों से हुए है कान अब बहरे -2
कहां
जा के सुनूँ अनहद् तेरी झंकार काफी है जगत..............
3. जगत के रिश्तेदारों ने बिछाया जाल माया का -2
तेरे
भक्तों से हो प्रीती तेरा परिवार काफी है जगत..............
4. जगत की झूठी रोशनी से है आँखे भर गई मेरी -2
मेरी
आँखों में हो हरदम, तेरी चमकांर काफी है जगत……………
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