Saturday, December 19, 2020

6. मेरी लगी श्याम संग प्रीत

 

भजन -6

 

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनियां क्या जाने 2-
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनियां क्या जाने 2-
क्या जाने कोई क्या जाने 2-

1. छवि लगी मन श्याम की जब से, भई बावरी मैं तो तब से
  बाँधी प्रेम की डोर मोहन से, नाता तोड़ा मैंने जग से
  ये कैसी पागल प्रीत ये दुनियां क्या जाने
  ये कैसी निगोड़ी प्रीत ये दुनियां क्या जाने क्या जाने कोई....

2. मोहन की सुन्दर सूरतिया, मन में बस गयी मोहनी मूरतिया
   जब से ओढ़ी शाम चुनरिया, लोग कहे मैं भई बावरिया
   मैंने छोड़ी जग की रीत ये दुनियां क्या जाने क्या जाने कोई....

3. हर दम अब तो रहूँ मस्तानी, लोक लाज दीनी बिसरानी
  रूप राशि अंग-अंग समानी, हे रत हे रत रहूँ दीवानी
  मैं तो गाऊँ ख़ुशी के गीत ये दुनियां क्या जाने क्या जाने कोई....

4. मोहन ने ऐसी बंसी बजायी, सब ने अपनी सुध बिसरायी
   गोप गोपियाँ भागी आई, लोक लाज कुछ काम न आई
   फिर बाज उठा संगीत ये दुनियां क्या जाने क्या जाने कोई....

5. भूल गयी कही आना जाना, जग सारा लागे बेगाना
   अब तो केवल शाम सुहाना, रूठ जाये तो उन्हें मनाना
   अब होगी प्यार की जीत ये दुनियां क्या जाने क्या जाने कोई....



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