भजन-66
मैनु सोहने तेरे दीदार दी आद्दत पे
गई है,
इक मीठे जहे खुमार दी आद्दत पे गई
है,
1. नैना नु कोई होर न जचदा, तकना
तनु चावा मैं,
कदे ते आवे गली तू साड़ी, बैठी मल के रहावा मैं,
साहनु तेरे इंतज़ार दी आद्दत पै गई है, मैनू सोहने......
2. रोका टोका नित समझावा, ता वी ता
एह रुकदा नहीं,
परदे पावा लख छुपावा, हाल दिला दा छुपा दा नहीं,
इस दिल नू भी इजहार दी आद्दत पे गई है मैनू सोहने......
3. सुध भुध भूल के अपनी सजना, तेरे
विच मैं खो गई आ,
तन मन अपना करके समपर्ण, तेरे हवाले हो गई हां,
तेरी जिद दे बदले हार दी आद्दत पै गई है, मैनू सोहने......
4. तेरे दर्श बिन वे सजना, मेरा कोई
गुजारा नहीं,
मैं दीवानी बेवस हो गई, चलदा कोई विचार नही,
तेरी मीठी जई मुस्कान दी आद्दत पै गई है, मैनू सोहने......
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